माधवधम गहेली

माधवधम गहेली

 
माधवधम गहेली- एक परिचय

भिण्ड जिले की मेंहगाँव तहसील के ग्राम गहेली में लगभग 50 एकड़ भूमि पर स्थित एक प्रकल्प है- माधवधाम। यहाँ विभिन्न प्रकार के आयाम संचालित है। जिनमें माधव गौशाला एवं जैव कृषि शोध संस्थान, अवासीय विद्यालय, समग्र ग्राम विकास, संस्कार केन्द्र आदि संचालित हैं।

माधव गौशाला-
 माधव गौशाला विगत् आठ वर्षों से संचालित हैं जिसमें छोटी-बड़ी सभी प्रकार की कुल 50 गायें हैं। जो पूरी तरह से सेवा वाली गायें हैं जिन गायों को निःशक्त हो जाने पर छोड़ दिया जाता है उन गायों की सेवा एवं देखभाल माधव गौशाला करती है। गौशाला पूरी तरह समाज पोषित है जिसमें समाज गौ-ग्रास व नगद राशि देकर सहयोग करता है।

जैविक कृषि- 
भूमि उपजाऊ एवं पूरी तरह कृषि योग्य हैं जिसमें लगभग 30 एकड़ में स्वदेशी तकनीक से जैविक खाद का उपयोग करते हुए खेती की जाती है। अभी अपर्यापत जल स्त्रोत होने के कारण एक सफल ही कर पा रहे हैं।

आवासीय विद्यालय- 
इसका प्रारम्भ सन् 2012 में रामकथा के माध्यम से हुआ। फरवरी 2012 माधवधाम पर हो रही रामकथा के पाॅंचवे और अंतिम दिन अॅंचल की जनता की माॅंग एवं आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए संगठन की योजनानुसार कथाव्यास पं. श्यामस्वरूप जी मनावत ने आवासीय विद्यालय प्रारम्भ करने की घोषणा की और प्रत्येक वर्ष माधवधाम अथवा समीप के किसी भी गाॅंव में रामकथा का आयोजन किया जाएगा ऐसा संकल्प भी व्यक्त किया। पं. श्यामस्वरूप जी मनावत ने प्रकल्प का सरंक्षक बनना भी स्वीकार किया तब से प्रत्येक वर्ष स्थानीय समाज माधवधाम प्रकल्प के विकास हेतु रामकथा का आयोजन करता है।

स्थानीय कार्यकर्ताओं की इच्छानुसार सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान ने जुलाई 2012 से ही आवासीय विद्यालय प्रारम्भ करने का निर्णय किया। वहाॅं पूर्व से इस प्रकार का कोई भवन न होने के कारण माधवमाध से 4 कि.मी. दूर सरस्वती शिशु मंदिर अड़ोखर जो कि स्वामी विवेकानंद ज्ञान प्रसारक मण्डल की भूमि पर संचालित हैं उसे छात्रावास के रूप में उपयोग करने की स्वीकृति मिली। मण्डल के भवन की अनुमति लेकर आवासीय विद्यालय प्रारम्भ हुआ। पहले वर्ष 2012-13 में भवन की क्षमता के अनुसार 40 भैया आवासीय रहे। द्वितीय वर्ष 2013-14 में 70 भैया छात्रावास में रहे। इन दो वर्षों में छात्रावासीय गतिविधियों को देखकर स्वामी ज्ञान प्रसारक मण्डल ने अपना स्वयं का विद्यालय एवं प्रबंध समिति विद्याभारती को सौंपने का निर्णय किया। उस वर्ष आयोजित होने वाली रामकथा जो स्वामी विवेकानंद ज्ञान प्रसारक मण्डल के स्वर्ण जयंती वर्ष पर आयोजित की गयी थी , के दूसरे दिन मण्डल के पदाधिकारियों ने विद्याभारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री माननीय प्रकाशचन्द्र जी की उपस्थिति में विद्यालय परिसर एवं प्रबंध समिति, सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मध्यप्रदेश से सम्बद्ध करने की घोषणा की।

समग्र ग्राम विकास- 
समग्र ग्राम विकास के अन्तर्गत आसपास के 50 गाॅंवों को केन्द्र मानकर वहाॅं स्वच्छता अभियान स्थानीय नागरिकों के माध्यम से चलाया जा रहा है एवं संस्कार केन्द्रों के माध्यम से ऐसे बच्चे जो विद्यालय जाने में असमर्थ हैं उन्हें शिक्षा एवं संस्कार देने का कार्य किया जा रहा है।

पंचवर्षीय योजना- 
आगे आने वाले वर्षों में विद्यालय एवं छात्रावास भवन का निर्माण, गौशाला का पृथक से निर्माण, विभिन्न प्रकार के खेल मैदानों का निर्माण, शिवमंदिर का निर्माण जन सहयोग से किया जाने वाला है। भूमि को कृषि योग्य बनाकर जैविक खेती करना और अँचल के किसानों को जैविक कृषि हेतु प्रशिक्षित करना तथा लघु एवं कुटीर उद्योगों के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना आदि हमारी आगामी योजना में सम्मिलित हैं। इस हेतु सम्पूर्ण परिसर का मास्टर प्लान भी तैयार हो चुका है। यह सम्पूर्ण प्रकल्प श्री गोविन्द सिंह लोक शिक्षण संस्थान गहेली जिला भिण्ड मध्यप्रदेश के द्वारा संचालित होगा।